
टैरिफ (Tariff) किसी देश द्वारा दूसरे देश से आयात होने वाले सामान पर लगाया गया अतिरिक्त शुल्क/कर है। इसका उद्देश्य या तो घरेलू उद्योगों को बचाना होता है या दूसरे देश पर आर्थिक-रणनीतिक दबाव डालना होता है।
अमेरिका ने भारत पर टैरिफ क्यों लगाया?
- भारत का रूस से तेल आयात जारी रखना। जिसे अमेरिका ने अपनी सुरक्षा व रणनीतिक नीति के खिलाफ माना।
- भारत पर दबाव बनाना ताकि वह अमेरिका की विदेश नीति और ऊर्जा नीति से तालमेल बिठाए।
- घरेलू अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करना और चुनावी राजनीति में "अमेरिकी नौकरियों को बचाने" का संदेश देना।
अमेरिका ने भारत पर कितना टैरिफ लगाया?
- 7 अगस्त 2025 से: भारत की सभी वस्तुओं पर 25% टैरिफ।
- 27 अगस्त 2025 से: रूस से भारत द्वारा तेल आयात जारी रखने पर अतिरिक्त 25% पेनल्टी टैरिफ।
- कुल मिलाकर भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ लागू।
अमेरिका ने किन-किन देशों पर और कब टैरिफ लगाया है?
देश/क्षेत्र | लागू दर* | कब/कैसे लागू | संक्षिप्त टिप्पणी |
---|---|---|---|
भारत |
25% + 25% पेनल्टी = 50% |
25% (7 अगस्त 2025) + अतिरिक्त 25% (27 अगस्त 2025) |
रूस से तेल आयात को लेकर “अतिरिक्त” शुल्क |
चीन |
उच्चतम 125% (अप्रैल 2025) |
9 अप्रैल 2025 |
नीतियाँ समय-समय पर बदलीं “रिसिप्रोकल” ढांचा लागू। |
दक्षिण अफ्रीका | 30% |
31 जुलाई 2025 की ‘रिसिप्रोकल’ दर सूची। |
दर्जनों देशों पर 10-41% दायरे की दरों का हिस्सा। |
ताइवान | 20% |
31 जुलाई 2025 की ‘रिसिप्रोकल’ दर सूची। |
चयनित देशों के लिए निर्धारित उच्च दरें। |
ब्राज़ील |
10% बेसलाइन + कुछ मदों पर अतिरिक्त 40% |
6-7 अगस्त 2025 |
अलग कार्यकारी आदेश द्वारा “अतिरिक्त” लगान। |
कनाडा |
USMCA-अनुरूप सामान पर छूट। अन्य विशिष्ट टैरिफ |
अप्रैल-अगस्त 2025 |
कनाडा ने कई प्रत्युत्तर टैरिफ हटाए; बातचीत जारी। |
मेक्सिको |
USMCA-अनुरूप पर छूट, ऑटो/ धातु पर अलग टैरिफ |
अप्रैल 2025 |
USMCA के तहत बड़े हिस्से पर 0% |
जापान/ दक्षिण कोरिया |
‘रिसिप्रोकल’ दायरा (आमतौर पर 10–30% के बीच) |
अप्रैल-जुलाई 2025 |
कुछ सेक्टर/मदों में छूट/डील के चलते अलग दरें। |
सभी/अधिकांश देश (बेसलाइन) |
10% सार्विक बेसलाइन | 5 अप्रैल 2025 से |
इसके ऊपर विशिष्ट ‘रिसिप्रोकल’ दरें भी लग सकती हैं। |
टैरिफ क्या होता हैं?
आसान भाषा में: जब एक देश दूसरे देश से सामान लाता या भेजता है तो उस पर जो अतिरिक्त कर वसूला जाता है उसे ही टैरिफ कहते हैं।
टैरिफ के लाभ (अमेरिका के लिए)
- घरेलू उद्योगों को सुरक्षा मिलेगी।
- अमेरिकी सरकार को अधिक कर राजस्व प्राप्त होगा।
- व्यापार वार्ताओं में अमेरिका को दबाव बनाने की शक्ति मिलेगी।
भारत के लिए लाभ:
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा।
- नए बाजारों की खोज।
- मोल भाव की शक्ति।
- स्थानीय उद्योगों की रक्षा।
टैरिफ की हानियाँ (अमेरिका के लिए)
- अमेरिकी उपभोक्ताओं को भारतीय सामान महंगा मिलेगा।
- अमेरिका की उन कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा जो भारत से कच्चा माल या पार्ट्स खरीदती हैं।
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) प्रभावित होगी।
- भारत के साथ रिश्तों में तनाव बढ़ेगा जिससे रणनीतिक साझेदारी कमजोर हो सकती है।
भारत के लिए हानियां:
- निर्यात पर असर।
- विदेशी निवेश पर दबाव।
- व्यापार में घाटा बढ़ना।
- रोजगार पर असर।
- राजनीतिक दबाव।
प्रभावित और छूट वाले क्षेत्र:
A. सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र (50% टैरिफ लागू)
- वस्त्र (Textiles & Garments)
- जवैलरी और रत्न (Gems & Jewellery)
- जूते (Footwear)
- फर्नीचर (Furniture)
- उद्योगिक रसायन (Industrial Chemicals)
- समुद्री उत्पाद (Seafood)
- चमड़े और हस्तशिल्प (Leather Goods & Crafts)
B. छूट (Exemptions) वाले क्षेत्र
- फार्मास्यूटिकल्स (Pharmaceuticals, विशेषकर जेनेरिक)
- स्मार्टफोन और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स (Consumer Electronics & Smartphones)
- ऊर्जा क्षेत्र (Energy Products)
- सेमीकंडक्टर्स (Semiconductors)
- एल्यूमिनियम, स्टील, यात्री वाहन (Auto, Steel, Aluminium etc.) ये प्राप्त टैरिफ से अलग और विशिष्ट दौरों में शामिल हैं।
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निष्कर्ष (Conclusion):
भारत पर अमेरिका द्वारा लगाया गया 50% टैरिफ केवल आर्थिक मुद्दा नहीं बल्कि रणनीतिक दबाव की नीति है। इससे अमेरिका को अल्पकालिक लाभ (घरेलू उद्योगों की रक्षा, राजस्व) तो मिलेगा, लेकिन दीर्घकाल में उपभोक्ता कीमतें बढ़ेंगी और भारत जैसे बड़े साझेदार के साथ संबंध कमजोर हो सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):
Q1. क्या भारत ने भी अमेरिका पर टैरिफ लगाया है?
भारत फिलहाल स्थिति का आकलन कर रहा है और प्रतिशोधी टैरिफ की संभावना है।
Q2. भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर होगा?
निर्यात प्रभावित होगा विदेशी मुद्रा कमाई घट सकती है और कुछ क्षेत्रों में रोजगार पर असर पड़ सकता है।
Q3. क्या बातचीत से यह समस्या सुलझ सकती है?
हाँ, संभावना है। भारत और अमेरिका उच्च स्तरीय बातचीत के ज़रिए इस विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
Q4. क्या दूसरे देश (जैसे चीन, रूस) भारत को समर्थन दे सकते हैं?
हाँ, रूस ने पहले ही भारत के निर्यात को बढ़ावा देने का संकेत दिया है और चीन के साथ भी व्यापार सहयोग की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं।